परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी की राष्ट्रपति भवन में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी के साथ विशेष भेंटवार्ता हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी संघर्ष व सफलता, राष्ट्र भक्ति का जज्बा व जुनून और नारी सशक्तिकरण का अद््भुत संगम हैं। आपके जैसी संवैधानिक शख्सियत और अपनी शक्तियों का श्रेष्ठता से उपयोग करने वाले विरले ही मिलते हैं।
माननीय राष्ट्रपति जी सात्विकता, सरलता और सजगता का अद्भुत संगम है, उनसे जब भी मिलन होता है वास्तव में बड़ी प्रसन्नता होती है। वे एक अद्भुत शक्ति है, शान्ति झलकती है। वे शान्ति व शक्ति का अद्भुत संगम है। उनके साथ की गयी प्रत्येक वार्ता अलौकिक व अवर्णनीय होती है। भारत का सौभाग्य है कि एक ओर ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी है और दूसरी ओर शक्ति की प्रतिमूर्ति द्रोपदी मुर्मू जी है, सुरक्षा स्तंभ के रूप में हमारे गृृृहमंत्री श्री अमित शाह जी।
स्वामी जी ने कहा कि मानननीय द्रोपदी मुर्मू जी ने हाशिए पर खड़े समाज में एक उम्मीद की एक किरण जागृृृत की हैं। वे आदिवासी व वंचित समुदायों के लिये भी एक प्रेरणा है कि वे निष्ठा और कमर्ठता के बल पर इस ऊँचाई पर पहुंच सकती है कि इस राष्ट्र प्रत्येक मातृ शक्ति इस ऊँचाई तक पहुंच सकती हैं। बस इतना ही हो जी जीवन में सफाई हों; सच्चाई हों; विचारों की ऊँचाई हों और देश के प्रति समर्पण की भावना हो।
स्वामी जी ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति जी एक बड़ी आबादी की आकांक्षाओं को अभिव्यक्ति प्रदान करने के साथ-साथ आधारभूत जरूरतों से जूझ रहे वंचित समाज की समस्याओं को सतह पर लाने का अद्भुत कार्य आपके आने से सम्पादित हो रहे हैं। भारत की आधी आबादी, नारी शक्ति के लिए आप प्रेरणादायक है। महिला सशक्तिकरण की अवधारणा को न सिर्फ बल मिला है बल्कि इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को गति भी प्राप्त हो रही हैेे। आपके और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत महान भारत की ओर बढ़ रहा हैं। दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र समावेशी लोकतंत्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने माननीय राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट करते हुये अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आने हेतु आमंत्रित किया।