हरिद्वार (वत्सल पराशर) – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मार्गदर्शन में विश्व हिन्दू परिषद के तत्वाधान में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या पर पुर्नस्थापित भव्य–दिव्य मंदिर में 22 जनवरी 2024 को जन जन के आराध्य रामलला की प्राण–प्रतिष्ठा महोत्सव में जनसहभागिता के लिए जनचेतना अभियान 1 जनवरी से प्रारम्भ होकर 15 जनवरी 2024 मकर संक्रांति के अवसर पर समरसता दिवस तक अक्षत वितरण अभियान के तहत भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया।
हरिद्वार ऋषिकुल मैदान से प्रारम्भ हुई शोभायात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहें। अक्षत वितरण हेतू जन चेतना यात्रा ऋषिकुल मैदान से परशुराम चौक, चंद्राचार्य चौक, शंकर आश्रम, आर्यनगर चौक होते हुए आर्य नगर मार्ग स्थित संघ कार्यालय पर संपन्न हुई। इस अवसर पर जिला संघचालक डॉ. यतीन्द्र नाग्यान ने बताया कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर पुर्नस्थापित भव्य–दिव्य मंदिर में भगवान रामलला प्रतिमा की प्राण–प्रतिष्ठा होनी है।
इस महाआयोजन में सभी रामभक्तो की शत–प्रतिशत भागेदारी हो, इसके लिए 1 जनवरी से 15 जनवरी 2024 तक घर-घर अयोध्या में पूजित अक्षत वितरण अभियान प्रारम्भ हो रहा है। अक्षत वितरण अभियान के तहत सभी श्रद्धालुओं को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर आने का न्यौता देना है। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद सभी जन समुदाय अपने आराध्य के दर्शन कम से कम एक बार आवश्यक कर के आये। इसी पुण्य भाव से यह जनअभियान चलाया जा रहा है। साध्वी प्राची ने कहा कि वह पावन दिन आ गया है, जब असंख्य संघर्षो के बाद अंततः श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण होने जा रहा है।
इस अवसर पर वरिष्ठ स्वंयसेवक रोहिताश्व कुँवर, जिला प्रचारक जगदीप सिंह, नगर प्रचारक नीरज, विस्तारक त्रिवेंद्र, विहिप प्रवक्ता वीरेंद्र कीर्तिपाल, विहिप उपाध्यक्ष संध्या कौशिक, विश्व हिन्दू परिषद मातृशक्ति प्रमुख नीता कपूर, कुसुम शर्मा, मुकेश सिंह, कमलेश सिंह, माया कपूर, सजला शर्मा, गीता गौरा, एकता, विहिप जिला सह मंत्री विश्वास, भूपेंद्र, मोनू त्यागी, नगर कार्यवाह डॉ. अनुराग, बलदेव रावत, अभिषेक जमदग्नि, नगर प्रचार प्रमुख अमित शर्मा, मजदूर संघ के सुमित सिंघल, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अनामिका शर्मा, अमित चौहान, राजेश शर्मा, सचिन बेनीवाल, अंकुर, अर्पित अग्रवाल, मनोज गर्ग, अनिल गुप्ता, कुलदीप, गुरमीत सिंह, अनिल भारतीय, धर्मेंद्र चौहान, आराध्य आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।