हल्द्वानी–उत्तराखण्ड (स.ऊ.संवाददाता) – पश्चिमी बंगाल के संदेशखाली में अनुसूचित जाति व जनजाति की हिंदू महिलाओं का उत्पीड़न तथा मारपीट की घटनाओं पर दलित उत्थान समिति, हल्द्वानी के नेतृत्व में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया को सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रस्तुत किया।
दलित उत्थान समिति ने प्रस्तुत ज्ञापन के माध्यम से कहा संदेशखाली में महिलाओं और उनके परिवारों पर हो रहे अत्याचारों का हम निषेध करते है। ईडी के अधिकारियों पर हमला होने के बाद संदेशखली की घटनाएं सामने आ सकी हैं। बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मारपीट की अनेकों घटनाएं लगातार निकलकर सामने आ रही हैं। केवल पश्चिम बंगाल प्रशासन और पुलिस विभाग की नाकामी का यह नमूना नहीं है, इसमे धार्मिक और राजनीतिक मुद्दे भी है। इन घटनाओं से पश्चिम बंगाल की महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की चिंताजनक स्थिति सामने आई है। स्थिति इतनी भयानक है कि कई दिनों से हो रहे अत्याचारों की घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की थी।
आर्थिक, राजनैतिक तथा धार्मिक मुद्दों में महिलाओं कों ‘साधन’ बनाना अपमानजनक और निंदाजनक है। हम इन घटनाओं का निषेध करते है। दलित उत्थान समिति ने प्रस्तुत ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि लोकतंत्र मे हो रहे महिला एवं मानवाधिकारों के उल्लंघन पर तुरंत कड़ी कारवाई कि जाय। सभी पीड़ित महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों को सुरक्षा एवं आर्थिक सहायता तुरंत प्रदान की जाए। महिलाओ पर होने वाले इन अत्याचारों कि ‘इन कैमरा’ पूछताछ की जाय। महिलाओ का मनोबल बना रहे इसलिए उन्हे शासन द्वारा प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा परामर्श की सेवा उपलब्ध की जाय। इन विशिष्ट घटनाओ पर बोलने के लिए, बात करने के लिए एक स्वतंत्र हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध करवा देना चाहिए जिससे महिलाए बिना किसी डर के अपनी बात कह सके। निष्पक्ष जांच के लिए इस मामले को दुसरे राज्य में स्थानांतरित किया जाएं।
राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा दखल देने का दलित उत्थान समिति स्वागत करती है। इस अवसर पर प्रमुख रुप से दलित उत्थान समिति के नन्दकिशोर आर्या, हर्षित सोनकर, मनीश पासी, अंशिका आर्या, वन्दना आर्या, संतोष मुखिया, हर्षल सोनकर के साथ विश्व हिन्दू परिषद के विभाग संगठन मंत्री उमाकांत उपाध्याय तथा अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहें।