पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने वेद मंदिर आश्रम में लगाया जनता दरबार, अयोध्या जाने के लिए मांगी क्षेत्रवार दर्शनार्थियों की सूची…

उत्‍तराखण्‍ड जनसमस्या और समाधान श्री रामजन्मभूमि अयोध्या सामाजिक चेतना कार्यक्रम हरिद्वार

हरिद्वार (पंकज चौहान) – पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने जनता दरबार में आज आमजन की समस्याएं सुनते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों से जनसमस्याओं का तत्काल निवारण कराया। जनता दरबार में कुछ लोगों ने अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शनार्थ जाने के लिए बसों की व्यवस्था कराने की मांग उठाई, ताकि वो भगवान श्री रामलला के दर्शन कर सकें।

मंगलवार को वेद मंदिर आश्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने जनता दरबार लगाया। जिसमें किसानों ने गन्ना लगाने के लिए अच्छी वैरायटी के बीज उपलब्ध कराने की मांग उठाई। किसानों ने बताया कि कुछ समितियों में यूरिया की उपलब्धता कम है, जबकि इस समय गेहूं की फसल के लिए यूरिया की जरूरत है। किसानों ने दालों के बीज भी उपलब्ध कराने की मांग उठाई। जिस पर स्वामी यतीश्वरानंद ने जिला कृषि अधिकारी के साथ सहायक गन्ना आयुक्त से किसानों की समस्या को दूर कराने को निर्देश दिए। मिस्सरपुर, पंजनहेडी, जमालपुर कलां के निवासियों ने आबादी में हाथी के समूह आने की समस्या उठाते हुए बताया कि आबादी में हाथियों के आने से किसी अप्रिय घटना होने की आशंका बनी रहती है। स्वामी यतीश्वरानंद ने वन विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए हाथियों को आबादी से रोकने के लिए निर्देश दिए, साथ ही चेतावनी देते हुए कि हाथियों ने कुछ स्थानों पर फसलों में भी नुकसान किया है, उनका आकलन कर मुआवजा भी देने को निर्देश दिए।

जनता दरबार में रोशनी देवी, शर्मिला बगवाड़ी, पिंकी देवी, सुभाष चौहान, चेतन चौहान, फूलदेई ने मांग उठाई कि उन्हें अयोध्या में भगवान श्री रामलला मंदिर के दर्शन करने हैं, यात्रा के लिए उनके लिए निशुल्क बस उपलब्ध कराई जाए। स्वामी यतीश्वरानंद ने उनकी मांग पर बस उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त करते हुए कहा कि वह अपने क्षेत्र या आसपास के निवासियों, जोकि भगवान श्री राम के अयोध्या धाम जाना चाहते हैं, उनकी सूची उपलब्ध कराएं, ताकि संख्या के अनुरूप बसें उपलब्ध कराई जा सके। स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही 500 साल के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर भगवान श्री रामलला के मंदिर का निर्माण संभव हुआ है।





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