हरिद्वार स्तम्भ
देहरादून। उत्तराखंड में जमीन खरीदने को लेकर लोगों के प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने ऐक्शन प्लान बनाया है। सूत्रों की बात मानें तो धामी सरकार भू-कानून में जरूरी संशोधन कर सकती है। ऐसा होने पर दूसरे राज्यों के लोगों के लिए उत्तराखंड में जमीन खरीदना मुश्किल हो सकता है।
आपको बता दें कि 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने एक संशोधन पेश किया, जिसमें “बाहरी लोगों” को पहाड़ी क्षेत्रों में 500 वर्गमीटर की सीमा तक जमीन खरीदने की अनुमति दी गई। बीसी खंडूरी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पर्वतीय जिलों में बड़े भूखंडों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए यह सीमा घटाकर 250 वर्गमीटर कर दी थी। हालांकि, पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पहाड़ी क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए ऐसे सभी प्रतिबंध हटा दिए थे। नगरपालिका क्षेत्रों में अन्य राज्यों के लोगों के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है।
लेकिन स्थानीय निवासी अब मांग कर रहे हैं कि नगर निगम क्षेत्रों में भी जमीन खरीदने को घटाकर 250 वर्ग मीटर कर दिया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। राज्य सरकार ने 2022 में पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता वाले पैनल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के विस्तृत अध्ययन के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसने 23 सिफारिशें की थीं।
मीडिया रिपोर्टस की माने तो सिफारिशों के आधार पर राज्य पहाड़ों में जमीन की खरीद-बिक्री को फिर से 12.5 एकड़ तक सीमित कर सकता है। इसके अलावा, दूसरे राज्यों के लोगों के लिए नगर निगम सीमा के भीतर और बाहर के इलाकों में जमीन खरीदने के प्रावधानों को सख्त बनाया जा सकता है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा था कि उत्तराखंड के लोगों के हित में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।