हरिद्वार (पंकज चौहान) – श्रम कल्याण बोर्ड की ओर से श्रमिकों को सहायता सामग्री उपलब्ध कराते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में पुष्कर सिंह धामी की सरकार अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति की चिंता करते हुए अनेक योजनाओं का लाभ दे रही है। उन्होंने सरकार की योजनाओं का लाभ ले रहे श्रमिकों को अपने आसपास के श्रमिकों के अधिक से अधिक पंजीकरण कराने का आव्हान भी किया।
मिस्सरपुर में वेलकम बैंकट हॉल में श्रम कल्याण बोर्ड की ओर से पंजीकृत 500 श्रमिकों को निशुल्क कंबल एवं छाता वितरण करते हुए 150 श्रमिकों के स्वास्थ्य जांच की गई। सामग्री प्रदान करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि पूर्व की सरकारों में केवल पूंजीपतियों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाकर उन्हें लाभ पहुंचाया जाता था, लेकिन भाजपा की केंद्र और राज्य सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाकर उन्हें पात्र लोगों तक पहुंचाने का काम कर रही है। श्रमिकों को काम पर जाने के लिए साइकिल और काम करने के लिए औजार तक उपलब्ध कराने के साथ बिना घर वालों को घर तक बनाकर दिए जा रहे हैं। गरीबों के बच्चों को छात्रवृत्ति देकर उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज विकास कार्यो में आई तेजी से आमजन में खुशी की लहर है। जिस तरह से उत्तराखंड में पहले नकलविरोधी कानून, समान नागरिकता का कानून लागू किया है, गरीब से गरीब व्यक्ति भाजपा की नीतियों से खुश होकर आगामी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को भारी मतों से जिताने का काम करेंगे।
भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, जिला महामंत्री आशु चौधरी ने संयुक्त रुप से कहा कि आज केंद्र और राज्य सरकार से हर वर्ग खुश है। हरिद्वार सहायक श्रमायुक्त अरविंद सैनी, लेबर इंस्पेक्टर मीनाक्षी भट्ट ने श्रम विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि शादी के लिए 50 हजार रुपये, बच्चे की शिक्षा के लिए शिक्षा सहायता, मृत्यु सहायता भी आश्रित को मिलती है। श्रम बोर्ड विभाग की ओर से हरिद्वार जिले में विद्यालय एवं छात्रावास खोलने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने श्रमिकों को पंजीकरण कराकर विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी नीलम देवी, सचिन शर्मा, सत्यकुमार, सौरभ शर्मा, सुशील कुमार, पूर्व प्रधान ऋषिपाल सिंह, विभोर, नकलीराम सैनी आदि उपस्थित रहे।