हरिद्वार (पंकज चौहान) – अयोध्या में भगवान श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सबसे पहले देवभूमि उत्तराखंड को रामलला के दर्शन का अवसर मिलने जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद के तत्वावधान में 25 जनवरी को हरिद्वार से राज्य के सभी जिलों से चयनित 1500 लोग विशेष ट्रेन से अयोध्या के लिए रवाना होंगे। विश्व हिन्दू परिषद ने दर्शनार्थियों की सूची रेलवे प्रशासन को उपलब्ध करा दी है। दर्शनार्थियों में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रहे कार सेवक व उनके स्वजन, संत व विहिप पदाधिकारी शामिल हैं।
![](https://sanatanuttarakhand.in/wp-content/uploads/2024/01/img-20240122-wa13353445980529722895754.jpg)
हरिद्वार से दर्शनार्थियों को लेकर अयोध्या जाने वाली विशेष ट्रेन में 20 स्लीपर व दो जनरल कोच होंगे। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार के अनुसार विशेष ट्रेन के लिए टिकट बुक करा लिए गए हैं। 25 जनवरी को यह ट्रेन दोपहर में हरिद्वार से रवाना होगी और 26 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी। तय कार्यक्रम के अनुसार अयोध्या पहुंचने पर सभी दर्शनार्थी सरयू में स्नान कर रामनगरी के सभी महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण करेंगे। 27 जनवरी को सभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र पहुंचेंगे व रामलला के दर्शन के उपरांत विशेष ट्रेन से 28 जनवरी को हरिद्वार पहुंचेंगे।
देवभूमि उत्तराखण्ड को भगवान रामलला के प्रथम दर्शन का सौभाग्य
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार ने बताया कि भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद जब अयोध्या पहुंचे तो उत्तराखंड क्षेत्र के निवासियों को इसकी जानकारी 21 दिन बाद मिली थी। इसे देखते हुए अब रामलला के विराजमान होने पर सबसे पहले उत्तराखंड के निवासियों को दर्शन के लिए बुलाया गया है।
हरिद्वार, देहरादून व नैनीताल से सबसे ज्यादा दर्शनार्थी
अयोध्या के लिए 25 जनवरी को रवाना होने वाले 1500 दर्शनार्थियों के जत्थे में सबसे अधिक लोग हरिद्वार, देहरादून व नैनीताल जिलों के है। विहिप के प्रांत संगठन मंत्री के अनुसार देहरादून से 210, नैनीताल से 140 और हरिद्वार से 135 लोग इनमें शामिल हैं। शेष अन्य 10 जिलों के दर्शनार्थी हैं।