पवित्र सरयू नदी के उद्गम स्थल सरमूल बागेश्वर का जल भेजा गया अयोध्या…

उत्‍तराखण्‍ड बागेश्वर श्री रामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह सांस्कृतिक कार्यक्रम

बागेश्वर (सनातन उत्तराखण्ड संवाददाता) – श्री रामजन्मभूमि अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा आगामी 22 जनवरी को होगी। पवित्र सरयू नदी के उद्गम स्थल सरमूल अर्थात सरयू मूल कपकोट से श्री रामजन्मभूमि अयोध्या के लिए सरमूल सहस्त्र धरा के पवित्र जल को संपूर्ण धर्मप्रेमी हिन्दू समाज ने एकत्रित होकर हर्षोल्लास के साथ कलश यात्रा निकाल कर अयोध्या रवाना किया।

भगवान के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अनेकों धार्मिक कर्मकांड के साथ जल अभिषेक भी होगा, जिसके लिए सम्पूर्ण विश्व की पवित्र नदियों के जल के साथ भारत की समस्त नदियों का जल रामभक्तों ने अयोध्या भेजा हैं। भगवान श्री राम को पवित्र सरयू नदी अत्यंत प्रिय थी, अयोध्या के साथ संपूर्ण विश्व के धर्मप्रेमियों में पवित्र सरयू नदी के प्रति अगाध आस्था हैं। भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह तथा नवनिर्मित मंदिर के दर्शनों का निमंत्रण विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से संपूर्ण देशवासियों को दिया गया हैं, जिसके लिए पूजित अक्षत लेकर विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता प्रत्येक घर पहुंच रहें हैं। पूजित अक्षत जब देवभूमि उत्तराखंड के बागेश्वर पहुंचे तो स्थानीय निवासी धर्मप्रेमी भगवत सिंह कोरंगा अत्यंत अभिभूत हुए उन्होंने तय किया कि भगवान रामलला का जलाभिषेक अत्यंत पवित्र सरयू नदी के उद्गम स्थल के जल से होना चाहिए। कैलाश मानसरोवर से गुप्त रूप में अवतरित होकर सरयू नदी झूनी गांव के समीप पहाड़ी से सैकडों जल धाराओं के रूप में प्रकट होती है। जिसे सरमूल के नाम से जाना जाता है। यह स्थल पवित्र और पौराणिक धाम हैं, यहां सदियों से श्रद्धालुगण पूजा-पाठ, जप–तप, संस्कार, तर्पण आदि करते रहे हैं। स्कंद पुराण, सरयू महात्म्य, शिव संहिता, रामायण सहित अनेक धार्मिक ग्रंथो में सरयू नदी वर्णन और महिमा का गुणगान हुआ है।

भगवत सिंह कोरंगा स्थानीय निवासियों से संपर्क कर विषय रखा, जिस पर सहमति बनी और उत्साहित जनसमुदाय ने सरयू के उद्गम स्थल सरमूल कपकोट से श्री रामजन्मभूमि अयोध्या के लिए सरमूल सहस्त्र धरा के पवित्र जल के साथ संपूर्ण नगर में कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा का कपकोट तथा बागेश्वर में भव्य स्वागत स्वागत किया गया। बागेश्वर में दानपुर सेवा समिति के अध्यक्ष मानसिंह देव के मार्गदर्शन में में महिलाओं ने कलश में जल डाला और आगे के लिए रवाना किया। इसके बाद बाबा बागनाथ मंदिर व जूना अखाड़ा में साधु संतों के संरक्षण में जल कलश में डाला गया। नगर भ्रमण के बाद सभी जल कलश को एक टैंकर में डाला गया तत्पश्चात पवित्र जल से भरे टैंकर को अयोध्या के लिए रवाना किया गया। इस अवसर पर भगवत सिंह कोरंगा के साथ मुख्य रूप से अधिवक्ता खीमसिंह बिष्ट के साथ भारी संख्या में जनसमुदाय उपस्थित रहा।

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