Site icon

महर्षि दयानंद के सिद्धांतों को जीवन चरित्र में धारण करने पर ही सर्वसमाज का उत्थान संभव – स्वामी यतीश्वरानंद

IMG_20240229_190706

हरिद्वार (पंकज चौहान) – महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती के 200 वीं जयती के उपलक्ष्य में वेद मंदिर आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि वेदों का अध्ययन कर उनके बताए मार्ग पर चलकर राष्ट्र की उन्नति एवं विकास करते हुए अपने परिवारों को सुखी रख सकेंगे। सत्यार्थ प्रकाश को पढ़कर दृढ़ता मिलती है और इसे अच्छे कार्यों में लगाए।

बृहस्पतिवार को वेद मंदिर आश्रम में महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती के 200 साल पूरे होने पर यज्ञ, भजनों के साथ उनका संदेश को बताते हुए आर्य समाज की विचारधारा को बढ़ाने वालों को सत्यार्थ प्रकाश और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि आर्य समाज के प्रवर्तक महर्षि दयानंद के सिद्धांतों को अपनाते हुए सर्वसमाज का उत्थान संभव है। वेदों का अध्ययन करने से देश की उन्नति हुई है। महर्षि दयानंद के सिदृधांतों एवं आर्य समाज की परंपराओं का वेद मंदिर आश्रम में बखूबी निर्वहन हो रहा है। भजनोपदेश से आर्य समाज के प्रचार में विशेष योगदान है।

वयोवृद्ध सुमंत सिंह आर्य ने कहा कि आर्य समाज की परंपराओं को अपनाकर नई पीढ़ी को विकास के राहें चुननी चाहिए और नशा के साथ अन्य कुरुतियों से दूर रहना चाहिए। उत्तराखंड के प्रधान मानपाल सिंह, सुरेंद्रानंद, स्वामी नरेंद्र देव, सत्यानंद, जिला हरिद्वार के प्रधान यशपाल सिंह आर्य ने महर्षि दयानंद के विचारों के बारे में बताते हुए उन्हें अपनाने को प्रेरित किया। संचालन करते हुए जिला हरिद्वार के पूर्व प्रधान हाकम सिंह ने कहा कि आज महर्षि दयानंद ने शिक्षा की अलख जगाई, जोकि आज अनेकों संस्थाएं पूरी कर रही है।

मैत्रेई कन्या गुरुकुल मुंडाखेडा की आचार्य सविता आर्य, निकिता के दादा करतार सिंह, शैली, गौतम, टेकचंद आर्य, उपासना, साधना, कंवर सिंह आर्य, अतर सिंह, उम्मेद सिंह निषाद, दीपक, विनित आचार्य, वैदिक धर्म अपनाने पर पूजा को सम्मानित किया।

इस अवसर पर मदनपाल आर्य, हेमंत आर्य, रामपाल, पंडित रामकृष्ण आर्य, धर्मेंद्र आर्य, विवेक आर्य, तेलूराम, पवन, विनोद खटाना, कुंवरपाल, ब्रहमानंद, नक्कल सिंह आर्य, नितिन कुमार, अशोक कुमार, शिवकुमार, बृजमोहन पोखरियाल, राजेश आर्य, ध्यान सिंह आर्य, योगेंद्र, करतार सिंह, शत्रुघन आर्य, रूपचंद, विजय, पंकज फौजी, मुनेश सिंह, प्रहलाद सिंह राठी, सुरेश, ओमपाल सिंह, पवन आर्य, प्रवीण, जयदेव आर्य, रवि कुमार चंदेला, शिशिर, राजकुमार, प्रेम प्रकाश, रविंद्र कुमार आदि उपस्थित रहें। 

Exit mobile version