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श्री राम मंदिर बड़े-बड़े महलों पर हैं भारी, 44 दरवाजे, 392 खंभे, 8 तीव्रता वाले भूकंप का भी नहीं होगा असर

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हरिद्वार (पंकज चौहान) – भगवान रामलला के मंदिर की मजबूती और खासियत जानकर सभी दंग रह जाएंगे। राम मंदिर का निर्माण ऐसा हो रहा है कि आने वाले हजारों साल तक राम मंदिर वैसे का वैसा बना रहे। राम मंदिर के निर्माण में वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है और देश के बड़े संस्था के इंजीनियर भी राम मंदिर में अपना योगदान दे रहे हैं।राम मंदिर का निर्माण पत्थरों से हो रहा है। राम मंदिर में कहीं पर भी तनिक भी लोहा नहीं लगाया जा रहा है। सरयू की जलधारा से राम मंदिर पर कोई प्रभाव न पड़े इसका भी ध्यान राम मंदिर का निर्माण करने वाली संस्थाओं ने रखा है। राम मंदिर के चारों ओर रिटेनिंग वॉल की मोटी चादर बिछाई गई है, जिसे परकोट के नाम से जाना जाता है।

राम मंदिर की लंबाई 380 फीट और चौड़ाई भी 250 फीट है। राम मंदिर की ऊंचाई 161 फीट रखी गई है। राम मंदिर तीन मंजिला का होगा। राम मंदिर के प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई भी 20 फिट है। राम मंदिर में 44 दरवाजे लगाए जाएंगे, जिसमें 18 दरवाजे सोने से जड़ित रहेगा। राम मंदिर में 392 खंबे होंगे और खंभे पर भी देवी देवताओं की मूर्तियां बनाई जाएगी।इतना ही नहीं राम मंदिर का निर्माण तीन चरणों में हो रहा है। प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है। 22 जनवरी को रामलला अपने भव्य महल में विराजेंगे। जनवरी 2024 तक दूसरे चरण का काम पूरा होगा और जनवरी 2025 तक संपूर्ण मंदिर का निर्माण कर लिया जाएगा।

भारतीय परंपरा के अनुसार और स्वदेशी तकनीक से भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। पर्यावरण जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राम मंदिर परिसर का 70फीसदी हिस्सा हरित भी रहेगा। राम मंदिर में किसी प्रकार की नमी न हो और नमी से मंदिर को कोई प्रभाव न पड़े इसको लेकर जमीन में लगभग 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है। राम मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी आरसीसी बिछाई गई है, जिसे कृत्रिम चट्टान का रूप भी दिया गया है। राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

राम मंदिर का निर्माण पत्थर और कंक्रीट से हो रहा है। राम मंदिर के परकोट की बात अगर करें तो मंदिर का परकोटा भी आयताकार रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट रहेगी। अगर 8.0 तीव्रता से भूकंप भी आता है तब भी राम मंदिर का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

राम मंदिर में जटायु का मंदिर, भगवान शंकर का मंदिर, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, निषादराज, माता शबरी, देवी अहिल्या के भी मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही पर कोटे में सूर्य देव, माता भगवती, गणपति, भगवान शंकर को समर्पित कर और मंदिर का निर्माण होगा, जिसमें माता अन्नपूर्णा बजरंगबली का भी मंदिर होगा।

राम मंदिर परिसर में ही श्रद्धालुओं के लिए स्नान घर शौचालय की भी सुविधा होगी। इसके साथ ही 25000 यात्रियों की क्षमता वाले एक दर्शनार्थ सुविधा केंद्र का भी निर्माण किया जा रहा है। जहां दर्शनार्थ का सामान रखने के लिए लॉकर और मेडिकल की भी व्यवस्था की जाएगी। राम मंदिर परिसर में ही सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पावर स्टेशन का भी निर्माण किया गया है। दिव्यांगजन तथा बुजुर्गों के लिए राम मंदिर में रैंप और लिफ्ट की भी व्यवस्था की जाएगी।

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