नई दिल्ली (स.ऊ.संवाददाता) – उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख अखिलेश यादव के द्वारा संतों की तुलना माफिया से करने के बयान पर विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महा मंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि अखिलेश यादव का यह कहना कि “मठाधीश और माफिया में कोई फर्क नहीं होता” घोर निंदनीय और आपत्तिजनक है। अपने इस वक्तव्य पर उन्हें तो क्षमा याचना करनी ही चाहिए साथ ही इंडी गठबंधन को भी इस विषय पर माफी मांगनी चाहिए।
सुरेंद्र जैन ने कहा कि यह कोई पहला अवसर नहीं, अखिलेश यादव अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए हमेशा से ही हिंदू आस्थाओं और संतों महात्माओं का अपमान करते रहे हैं। उन्हें लगता है कि जितना भी वे हिंदू समाज का अपमान करेंगे उतना ही उनका वोट बैंक खुश होगा। कौन भूल सकता है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने ही राम मंदिर के आंदोलन को कुचलने के लिए हिंदुओं का भीषण नरसंहार किया था। इस नादिरशाही कुकृत्य के लिए माफी मांगने की जगह अखिलेश के पिताजी ने ही कहा था कि मुस्लिम समाज को खुश करने के लिए और भी हिंदू मारने पड़ते, तो वे मारते। आज उनके सुपुत्र अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे हत्यारों, आतंकियों और माफियाओं का संरक्षण करते हैं तथा संतो व मठाधीशों की उज्जवल परंपरा का अपमान करते हैं। अखिलेश यादव को ध्यान रखना चाहिए कि जगतगुरु आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठों की परंपरा व पूज्य संतों की उज्जवल विरासत के कारण ही भारत 1200 साल के आक्रमणों के बावजूद गौरव के साथ खड़ा है तथा मजबूती के साथ उज्जवल भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है।
डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा कि अखिलेश ने तो हिंदू समाज के अपमान की अपनी परंपरा का निर्वाह किया है लेकिन राहुल गांधी सहित इंडी गठबंधन के किसी भी नेता ने उनके इस घृणित बयान की निंदा में एक शब्द भी नहीं बोला। ऐसा लगता है कि इंडी गठबंधन के नेताओं द्वारा सनातन हिंदू समाज का निरंतर अपमान करना एक सोची समझी साजिश के अंतर्गत हो रहा है। अखिलेश सहित समस्त इंडी गठबंधन के नेताओं को उनके इस हिंदू द्रोही बयान पर पूज्य संतों सहित संपूर्ण हिंदू समाज से क्षमा याचना करनी चाहिए अन्यथा हिंदू समाज इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका हर लोकतांत्रिक पद्धति से भरपूर जवाब दिया जाएगा।