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बंगाल में ओबीसी आरक्षण का लाभ हिंदुओं को नहीं मिल रहा है – राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग

कोलकाता (विशेष संवाददाता) – राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा है कि बंगाल में ओबीसी आरक्षण का लाभ हिंदुओं को नहीं मिल रहा है। इस विषय को लेकर बंगाल के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को 16 जनवरी को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में तलब किया गया है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग सूत्रों के अनुसार बंगाल सरकार ने राज्य में कुल 179 ओबीसी समुदायों को सूचीबद्ध किया है। इनमें से 118 समुदाय मुस्लिम हैं। पिछड़ा वर्ग को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिसमें अति पिछड़ा (श्रेणी-ए) और पिछड़ा (श्रेणी-बी) है। पहली श्रेणी के 81 समुदाय में 73 मुस्लिम हैं और दूसरी में 98 में 45 मुस्लिम हैं। राज्य में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रमश: 22 प्रतिशत, 6 प्रतिशत और 17 प्रतिशत आरक्षण है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का कहना है कि हिंदू अति पिछड़ी श्रेणी के मुस्लिम में मतांतरित हो रहे हैं। मुख्य सचिव अभी तक यह नहीं दिखा पाए हैं कि कितने लोग हिंदू धर्म छोड़कर मुसलमान बन गए हैं और पिछड़े वर्ग का लाभ उठा रहे हैं। आयोग को लगता है कि बंगाल में मूल हिंदुओं और अन्य पिछड़ी जातियों के संवैधानिक अधिकार छीने जा रहे हैं। राज्य सरकार भी इधर ध्यान नहीं दे रही है।

विषय गंभीर है, इसलिए राज्य के मुख्य सचिव को मतांतरित हिंदुओं की वंशावली व अन्य सभी आवश्यक जानकारी के साथ तलब किया जा रहा है। वर्ष 2023 की शुरुआत में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने शिकायत की थी कि बंगाल में ओबीसी आरक्षण का समस्त लाभ मुसलमानों को मिल रहा है।

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