राम की गाथा कहने वाले 100 भित्ति चित्रों को बनाने में करीब एक साल का वक्त लगेगा। इनमें से प्रत्येक चित्र के फ्रेम का आकार 7.5 फीट लंबा और 5 फुट चौड़ा होगा। सबसे पहले मिट्टी के प्रयोग से चित्र उकेरे जाएंगे।
पद्म भूषण मूर्तिकार राम सुतार भित्ति चित्रों के माध्यम से भगवान राम की गाथा सुनाएंगे। अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की दीवारों पर लगाए जाने वाले भित्ति चित्रों के माध्यम से भगवान राम के जन्म से लेकर लंका विजय के बाद अयोध्या वापसी की कथा उकेरी जाएंगीं। इन्हें सिलसिलेवार ढंग से देखने पर रामायण की पूरी छवि दिखेगी।
इसके लिए रामसुतार नोएडा में 100 भित्ति चित्र बनाएंगे। इसमें राम के जन्म से लेकर, माताओं की गोद में खेलने, बाल्यकाल में आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने, विश्वामिश्र आश्रम में राक्षसों का वध करने, कैकेयी के वरदान मांगने और राम के वनगमन जैसी कहानियों को कलाकारी से जीवंत किया जाएगा। वनगमन के दौरान सीता हरण, सीता को ढूंढने, बाली और सुग्रीव से मिलने, विभिषण का राम से मिलन, समुद्र पर पुल बनाने, हनुमान के संजीवनी बूटी लाने के दौरान पर्वत उठाने, राम-रावण युद्ध आदि को इन भित्ति चित्रों के माध्यम से दिखाया जाएगा।
राम की गाथा कहने वाले 100 भित्ति चित्रों को बनाने में करीब एक साल का वक्त लगेगा। इनमें से प्रत्येक चित्र के फ्रेम का आकार 7.5 फीट लंबा और 5 फुट चौड़ा होगा। सबसे पहले मिट्टी के प्रयोग से चित्र उकेरे जाएंगे। आधार तैयार होने के बाद इसके सांचे को फाइबर में बदला जाएगा। फाइबर में बदलने के बाद इसे मोम के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। फिर कांसे से ढलाई होगी।
राम मंदिर ट्रस्ट से चल रही बातचीत
राम सुतार ने बताया कि इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट से बातचीत चल रही है। जल्द ही इस पर फैसला हो जाएगा। ट्रस्ट की ओर से प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़ी ड्राइंग दी जाएगी। ड्राइंग में राम के जीवन से जुड़ी बातें होंगी। इसी के आधार पर इन भित्ति चित्रों को आकार दिया जाएगा। इससे पहले ट्रस्ट की ओर से रामसुतार को जटायु की मूर्ति बनाने का ऑर्डर मिला था, जिसका अनावरण रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन हो चुका है।